Tuesday, April 20, 2010

मेरी यादे .......

मै खेतो से मटर तोड़ रहा था की अचानक किसी ने पीछे से आकर मुझे पकर लिया और मेरे मुहं पर पट्टी बांध दिया और बोला की "चुप -चाप मेरे साथ चल नहीं तो चाकू मार दूंगा " उसने एक बड़ा सा चाकू मुझे दिखाया ,मै काफी डर गया चक कर भी मै आवाज नहीं निकल पा रहा था । मेरे हाथो को पीछे करके बांध दिया गया वे मुझे खेतो की मेढ़ो पर चलाते हुवे गावं से थोड़ी दूर के एक गेहू के खेत के पास ले गए जिसके एक कोने पर बेर का पेढ़ था । वह मै अपने दोस्तों के साथ बेर खाने कभी -कभी जाया करता था ,चुकी खेत के उस कोने पर बेर का पेढ़ था ईस कारन वहा की फशल नहीं थी । वहा काफी खुली जगह थी पर पेढ़ की वजह से वो गावं की तरफ से दिखाई नहीं पढती थी । तब तक काफी अँधेरा हो चूका था ,मै इतनी देर तक बहार कभी नहीं रहा करता था । घर के लोग मुझे खोजने लगे ,पर मेरे बारे मै किसी को कुछ भी पता नहीं चला । सभी लोग मुझे आवाज लगाने लगे । पुरे गावं मे मेरी खोज सुरु हो गई , गावं के कई कुवें जिनमे पानी था मुझे खोजा गया मेरे दादाजी उनमे उतर- उतर कर मुझे खोज रहे थे । मेरे कही पता नहीं चलने पर गावं की पुलिश चौकी को खबर किया गया । मेरे घर मे मेरी दादीमाँ ,मेरी बुवा मेरी चची सब का रो -रो कर बुरा हाल हो गया था। मेरे नहीं मिलने पर गावं के काफी लोग वापस अपने अपने घर वापस लौट गए । सब ने यही सोचा की मै किडनैप कर लिया गया हूँ ।

Friday, April 16, 2010

मेरी यादें


मै अपने गाँव के स्कूल में पचवी तक पढ़ा ,उस दौरान कई ऐसी घटनाएँ हुई जिसने मुझे बहुत प्रभावित किया । मै उन घटनाओ को कभी भुला नहीं सकता । अपने गांव में मै काफी कम घुमा करता था ,अपने घर के आस पास के कुछ लोगो को छोड़ कर मै पुरे गाँव के बहुत से लोगो को पहचानता भी नहीं था। मै आठ साल का था,(क्लास ३)

वो सर्दिओं के ख़त्म होने के दिन थे । आम के पेधों मंजर नजर आने लगे थे । खेतो में मटर की बलिया पकने को थी । मै सांम के वक्त अपने घर के समीप के खेत में मटर तोड़ने अकेला गया था । घर पे किसी को कुछ कहे बिना । मेरे घर में उस दिन बहुत से लोग थे ,मेरी बुआ आई हुई थी और मेरे सारे फुफेरे भाई -बहन ,घर में काफी चहल -पहल थी । और मै अकेला चला गया । घर पे किसी को कुछ भी कहे बिना । साम हो चुकी थी अँधेरा होने को था ।