Thursday, July 22, 2010

मेरी पहली कविता


अपने बचपन के झुरमुट से लेकर आया हु ,

कुछ मीठे फल कुछ खटे फल

बन बेरो के जैसे फल

कुछ फुल भी है :

महकाते है जो मेरे मन को

मेरे जीवन को

मेरे बचपन की यादो को सजाती

मेरे मन की मेरी यादें ।



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